फरा एक पारंपरिक व्यंजन है। इसे चटपटा व स्वादिष्ट नाश्ते के रूप में बनाया जाता है। इसे गोइठा, पनगोझा, दांत-निकोसा, भकोसा के नाम से भी जाना जाता है। परंपरा के रूप में कई स्थानों पर इसे करवाचौथ व्रत के अवसर पर भी बनाया जाता है।
सामग्री –
- गेहूं का आटा – 250 ग्राम
- चने की दाल – 2 कटोरी ( भीगी हुई )
- उड़द की दाल – 2 कटोरी ( भीगी हुई )
- जीरा – 1 चम्मच
- हींग – 1/4 चम्मच
- गरम मसाला – 1 चम्मच
- हल्दी – 1/2 चम्मच
- लहसुन – 11 कलियां
- अदरक – एक इंच
- हरी मिर्च – 5
- सरसों का तेल – एक बडा चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
बनाने की विधि –
फरा बनाने के लिए सबसे पहले हम भीगी हुई दालों में जीरा, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च और हींग मिलाकर मिक्सी के जार में डालकर पीस लें। दाल को थोड़ा सा दरदरा ही पीसें और अब इसमें हल्दी, गरम मसाला व नमक मिलाते हुए तैयार कर लें। एक तरफ किसी भगोने में पानी में आधा चम्मच नमक व एक चम्मच सरसो का तेल डालकर पानी उबालें। वहीं दूसरी तरफ आटे को अच्छी तरह से गूंथ ले और चकले पर एक बड़ी रोटी के आकार में बेल लें। इस रोटी से एक गोल आकार की कटोरी या ग्लास से छोटी-छोटी पूड़ियां काट लें। इसी प्रकार से सारे आटे की पूड़ियां तैयार कर लें। एक-एक पूड़ी उठायें और उसमें पीसी हुई दाल को बीच में रखकर पूड़ी को गुझिया का आकार देते हुए फरों को उबलते पानी में डालकर पकायें। पकाते समय बीच–बीच में चमचे से चलाते रहें जिससे की फरा तली से न चिपके | लगभग 15-20 मिनट के बाद जब फरे पानी में ऊपर की ओर आने लगें तो आंच बंद कर दें। सावधानी पूर्वक फरों को पानी से निकाल कर किसी बर्तन में ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने के बाद इसे इच्छानुसार सादा या सरसो के तेल में फ्राई करके खा सकते हैं।
फ्राई करने की विधि –
कढ़ाई को आंच पर रख कर तेल डालें व गरम करें। छोटे-छोटे आकार में कटे फरे के टुकड़ो को कढ़ाई में डालकर अच्छे तरीके से कुरकुरा फ्राई कर लें। और इसे धनिया या टमाटर की चटनी के साथ गरमा-गरम परोसें।